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मैं सुख-दुःख दाता हूँ |
खुद 84 के चक्र में नहीं आता लेकिन चक्र का ज्ञान बिल्कुल एक्यूरेट देता हूँ ।
मैं सृष्टि चक्र में पुनर्जन्म लेता नहीं फिर भी तुम्हें सभी जन्मों की कहानी सुना देता हूँ ।
मेरा कोई बाप नहीं, मेरा कोई टीचर नहीं, गुरू नहीं ।
मैं तुम्हें पढ़ाता हूँ यह मैंने किसी से कभी पढ़ा नहीं ।
लगभग 1 लाख
सिर्फ 8 आत्माएं
33 करोड़
108
16108
9 लाख
सरस्वती सो लक्ष्मी
लक्ष्मी सो सरस्वती
सूक्ष्म वतन में
सारे कल्प में
सतयुग में
परमधाम में
संगमयुग पर
भगवान
प्रभू
ईश्वर
परमात्मा
जी हाँ कहा जा सकता हैं |
जी नहीं नहीं कहा जा सकता |
परमधाम से साक्षात्कार कराने आते वक़्त जान जाते हैं ।
दिव्य दृष्टि होने कारण जानते हैं ।
बच्चों का साथी होने कारण जान जाते हैं ।
बीजरूप होने कारण जानते हैं ।
हम ब्राह्मणों की गद्दी
सूर्यवंशी देवताओं की गद्दी
राम राज्य की गद्दी
पिछाड़ी में रावण राज्य की गद्दी
सूक्ष्म वतन में
सारे कल्प में
सतयुग में
परमधाम में
संगमयुग पर
द्वापर-कलियुग में